पहलगाम: मिनी स्विट्जरलैंड में आतंकी हमले ने मचाया कोहराम

पहलगाम: मिनी स्विट्जरलैंड में आतंकी हमले ने मचाया कोहराम जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित पहलगाम, जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से जाना जाता है, मंगलवार को एक भयावह आतंकी हमले का गवाह बना। इस हमले ने न केवल देश को झकझोर दिया, बल्कि कश्मीर की शांति और पर्यटन पर भी गहरा आघात पहुंचाया।

क्या हुआ बैसारन घाटी में?

मंगलवार दोपहर करीब 2:30 बजे, बैसारन घाटी में पिकनिक और घुड़सवारी का आनंद ले रहे पर्यटकों पर आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। यह घाटी, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, उस दिन खून से लथपथ हो गई। हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें पर्यटक, एक नौसेना अधिकारी और एक खुफिया ब्यूरो कर्मचारी शामिल थे। कई अन्य घायल हुए, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकियों ने पीड़ितों से उनके नाम और धर्म पूछकर हमला किया। एक महिला ने बताया कि उसके पति को सिर में गोली मारी गई, जबकि एक बच्चा सदमे में देखता रहा। हमले के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई, और स्थानीय लोगों ने घायलों को घोड़ों पर लादकर पहलगाम तक पहुंचाया।

आतंकी संगठन ने ली जिम्मेदारी

इस हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है, जो पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी संगठन है। टीआरएफ को 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद बनाया गया था और इसे भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार माना जाता है। सरकार ने इसे 2023 में आतंकी संगठन घोषित किया था।

सरकार और सेना की प्रतिक्रिया

हमले के बाद केंद्र और राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब की अपनी यात्रा बीच में छोड़कर भारत लौटे और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल के साथ बैठक की। गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर में पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात की और हमलावरों को बख्शे न जाने का आश्वासन दिया।

सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इलाके को घेर लिया, और घायलों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टर तैनात किए गए। बुधवार को, सेना ने उरी में दो आतंकियों को मार गिराया, जो घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे।

पर्यटन पर गहरा असर

पहलगाम, जो अमरनाथ यात्रा का एक प्रमुख मार्ग और पर्यटकों का पसंदीदा स्थल है, अब डर के साए में है। हमले के बाद हजारों पर्यटकों ने कश्मीर छोड़ना शुरू कर दिया है। जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 23 अप्रैल को कश्मीर बंद का आह्वान किया है। एयर इंडिया और इंडिगो ने श्रीनगर से दिल्ली और मुंबई के लिए अतिरिक्त उड़ानें शुरू की हैं।

उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि यह हमला कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र के लिए एक बड़ा झटका है, जो हाल के वर्षों में आतंकवाद के साये से उबर रहा था। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पर्यटकों के पलायन को “दुखद लेकिन समझ में आने वाला” बताया और उनकी सुरक्षा के लिए कदम उठाने का वादा किया।

देश-विदेश से प्रतिक्रियाएं

हमले की निंदा में कई हस्तियों ने आवाज उठाई। अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा ने इसे “कायरतापूर्ण” करार दिया, जबकि कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद ने पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाने की मांग की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भारत के साथ एकजुटता जताई।

आगे क्या?

यह हमला कश्मीर में शांति और स्थिरता की कोशिशों पर एक बड़ा सवालिया निशान है। विशेषज्ञ इसे “पुलवामा 2.0” की संज्ञा दे रहे हैं, जो 2019 के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला है। सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों के लिए 2 लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा की है।

पहलगाम का यह काला दिन न केवल कश्मीर, बल्कि पूरे भारत के लिए एक चेतावनी है। देश अब एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में और सख्त कदम उठाने की उम्मीद कर रहा है।

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