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पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर ने भारत पकिस्तान के बीच तनाव पैदा किया आखिर क्यों

असीम मुनीर

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल सईद असीम मुनीर इन दिनों सुर्खियों में हैं, लेकिन ज्यादातर गलत कारणों से। हाल ही में उनके एक बयान ने भारत-पाक संबंधों और धार्मिक भावनाओं को लेकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। इसके अलावा, बलूचिस्तान में आतंकवाद, इमरान खान के साथ तनाव, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन पर लग रहे आरोपों ने जनरल मुनीर को चर्चा का केंद्र बना दिया है। आइए, एक नजर डालते हैं कि जनरल असीम मुनीर से जुड़ी ताजा खबरें क्या कहती हैं और इसका पाकिस्तान और क्षेत्रीय राजनीति पर क्या असर हो सकता है।

द्विराष्ट्र सिद्धांत पर विवादित बयान

16 अप्रैल 2025 को इस्लामाबाद में ओवरसीज पाकिस्तानिस कन्वेंशन में जनरल मुनीर ने द्विराष्ट्र सिद्धांत को दोहराते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान दो अलग-अलग राष्ट्र हैं, क्योंकि “पाकिस्तानी हिंदुओं से धर्म, संस्कृति, परंपराओं, विचारों और महत्वाकांक्षाओं में मौलिक रूप से अलग हैं।” उन्होंने पाकिस्तानियों से अपील की कि वे अपने बच्चों को देश के जन्म की कहानी बताएं ताकि इसे कभी भुलाया न जाए। इस बयान को भारत में कई लोगों ने भड़काऊ और हिंदू-विरोधी माना, जिससे सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ भारतीय पत्रकारों और विश्लेषकों ने इसे “नफरत भरा भाषण” करार दिया, जबकि पाकिस्तान में इसे उनके समर्थकों ने राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बताया।

यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत-पाक संबंध पहले से ही तनावपूर्ण हैं। जनरल मुनीर ने कश्मीर को पाकिस्तान की “जुगुलर वेन” (जीवन रेखा) बताते हुए कहा कि कोई भी ताकत इसे पाकिस्तान से अलग नहीं कर सकती। इस तरह के बयानों ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ाने का काम किया है।

बलूचिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख

जनरल मुनीर ने बलूचिस्तान में बढ़ते आतंकवादी हमलों पर भी सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने बलूचिस्तान को “पाकिस्तान का ताज” बताते हुए कहा कि “1500 आतंकवादी” इसे देश से अलग नहीं कर सकते। उन्होंने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA), बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (BLF), और बलूच रिपब्लिकन आर्मी (BRA) जैसे समूहों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का वादा किया, यह कहते हुए कि “हम इन आतंकवादियों को जल्द ही सबक सिखाएंगे।” हाल ही में बलूचिस्तान में जफर एक्सप्रेस ट्रेन के अपहरण जैसे हमलों ने उनकी इस प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है।

हालांकि, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि बलूचिस्तान में सैन्य कार्रवाइयों और कथित मानवाधिकार उल्लंघनों ने स्थानीय आबादी में असंतोष को और बढ़ाया है, जिससे अलगाववादी आंदोलन को बल मिला है।

इमरान खान और आंतरिक राजनीतिक तनाव

जनरल मुनीर का पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के साथ टकराव भी चर्चा में है। 2022 में इमरान खान को सत्ता से हटाने के बाद से, मुनीर पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने चुनावों में हेराफेरी की, खान को जेल में डाला, और उनकी पार्टी को दबाने के लिए सैन्य ताकत का इस्तेमाल किया। मार्च 2025 में अमेरिकी सांसदों ने “पाकिस्तान डेमोक्रेसी एक्ट” नामक एक बिल पेश किया, जिसमें मुनीर पर राजनीतिक विरोधियों के “गलत उत्पीड़न और कैद” का आरोप लगाते हुए उन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई। इस बिल के तहत मुनीर को अमेरिका में प्रवेश और वीजा से वंचित किया जा सकता है।

इसके अलावा, मार्च 2025 में पाकिस्तानी सेना के जूनियर अधिकारियों और जवानों ने मुनीर के खिलाफ एक पत्र लिखा, जिसमें उनकी “अक्षम नेतृत्व, भ्रष्टाचार, और राजनीतिक दमन” की आलोचना की गई। इस पत्र ने सेना के भीतर असंतोष की खबरों को हवा दी, जिससे मुनीर की स्थिति और कमजोर दिखाई दी।

अंतरराष्ट्रीय विवाद और परिवार पर आरोप

मुनीर के परिवार पर भी गंभीर आरोप लगे हैं। एक वॉशिंगटन-बेस्ड पाकिस्तानी पत्रकार के लेख में दावा किया गया कि मुनीर की बेटियों को नियमों का उल्लंघन कर डिप्लोमैटिक पासपोर्ट जारी किए गए। इसके जवाब में, ISI ने पत्रकार के भाइयों के घर पर छापा मारा और उन्हें प्रताड़ित किया, जिससे मानवाधिकार संगठनों में रोष फैल गया।

इसके अलावा, मुनीर के साले मोहसिन नकवी को पंजाब का मुख्यमंत्री, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) का चेयरमैन, और फिर गृह मंत्री बनाए जाने पर भाई-भतीजावाद के आरोप लगे। इन नियुक्तियों ने मुनीर की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं।

गाजा और वैश्विक मुद्दों पर रुख

मुनीर ने गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों के खिलाफ भी बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि “पाकिस्तानियों का दिल गाजा के मुसलमानों के साथ धड़कता है।” यह बयान उनके क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर सक्रिय रुख को दर्शाता है, लेकिन कुछ आलोचकों का मानना है कि यह घरेलू मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश है।

जनता और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया, खासकर X पर, मुनीर के बयानों और नीतियों को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं हैं। कुछ यूजर्स ने उन्हें “जिया-उल-हक 2.0” करार देते हुए कट्टरपंथी नीतियों का आरोप लगाया, जबकि अन्य ने उनके बलूचिस्तान और आतंकवाद विरोधी रुख की सराहना की। भारत में उनके हिंदू-विरोधी बयानों की कड़ी आलोचना हुई, और कई यूजर्स ने इसे “अमन की आशा” जैसे प्रयासों के लिए झटका बताया।

क्या है आगे की राह?

जनरल असीम मुनीर के नेतृत्व में पाकिस्तान की सेना एक कठिन दौर से गुजर रही है। आंतरिक असंतोष, इमरान खान के समर्थकों का विरोध, बलूचिस्तान में अशांति, और अंतरराष्ट्रीय दबाव ने उनकी स्थिति को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। उनके हालिया बयान, खासकर द्विराष्ट्र सिद्धांत और कश्मीर पर, भारत के साथ तनाव को और बढ़ा सकते हैं। साथ ही, अमेरिका जैसे देशों से संभावित प्रतिबंध उनके लिए नई मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।

पाकिस्तान के भविष्य के लिए यह जरूरी है कि सेना और सरकार मिलकर काम करें, लेकिन मुनीर के मौजूदा रुख से यह रास्ता मुश्किल लगता है। क्या वे इन चुनौतियों से उबर पाएंगे, या यह उनके नेतृत्व के लिए एक टर्निंग पॉइंट साबित होगा? यह समय ही बताएगा।


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FAQs:

  1. जनरल असीम मुनीर ने हाल ही में क्या विवादित बयान दिया?
    उन्होंने 16 अप्रैल 2025 को कहा कि पाकिस्तानी हिंदुओं से धर्म, संस्कृति, और विचारों में अलग हैं, और कश्मीर पाकिस्तान की जीवन रेखा है।
  2. बलूचिस्तान में मुनीर की रणनीति क्या है?
    वे BLA, BLF, और BRA जैसे आतंकवादी समूहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा कर रहे हैं, बलूचिस्तान को “पाकिस्तान का ताज” बताते हुए।
  3. मुनीर पर अमेरिकी प्रतिबंध क्यों लग सकते हैं?
    अमेरिकी सांसदों ने उन पर इमरान खान और राजनीतिक विरोधियों के उत्पीड़न का आरोप लगाया है, और “पाकिस्तान डेमोक्रेसी एक्ट” के तहत प्रतिबंध की मांग की है।
  4. मुनीर के परिवार पर क्या आरोप हैं?
    उनकी बेटियों पर नियम तोड़कर डिप्लोमैटिक पासपोर्ट लेने और साले मोहसिन नकवी को उच्च पद देने के आरोप हैं।
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