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फिर से हुआ ताहिरा कश्यप को ब्रैस्ट कैंसर , कितने दिनों में फिर से हो सकता है

ताहिरा कश्यप, जो मशहूर अभिनेता आयुष्मान खुराना की पत्नी हैं, एक ऐसी महिला हैं जिन्होंने ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का सामना न सिर्फ हिम्मत से किया, बल्कि अपनी कहानी से लाखों लोगों को प्रेरणा भी दी। ताहिरा कश्यप को फिर हुआ कैंसर की खबर ने हाल ही में सबको चौंका दिया, जब अप्रैल 2025 में उन्होंने बताया कि सात साल बाद यह बीमारी दोबारा उनके जीवन में आई है। यह लेख उनकी इस यात्रा, ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण, इलाज और उनके संघर्ष पर आधारित है।


ताहिरा कश्यप का कैंसर से पहला सामना – Tahira Kashyap Diagnosed Cancer

साल 2018 में Tahira kashyap dignosed cancer की खबर सामने आई थी। उस समय उन्हें स्टेज 0 ब्रेस्ट कैंसर (DCIS) का पता चला था, जो कैंसर का शुरुआती चरण होता है। इस स्टेज में कैंसर अभी फैलना शुरू नहीं हुआ होता, लेकिन सही समय पर इलाज न हो तो यह खतरनाक हो सकता है। ताहिरा ने हिम्मत दिखाई और ताहिरा कश्यप कैंसर ट्रीटमेंट के तहत मैस्टेक्टॉमी (स्तन हटाने की सर्जरी) करवाई। इसके बाद कीमोथेरेपी के दौर से गुजरते हुए उन्होंने कैंसर को हराया। इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी जर्नी शेयर की, जिसमें सर्जरी के निशान से लेकर गंजे सिर तक, हर पहलू को आत्मविश्वास के साथ दिखाया।


क्या दोबारा हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर?

क्या दोबारा हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर—यह सवाल हर उस शख्स के मन में आता है जो इस बीमारी से जूझ चुका हो। ताहिरा के साथ भी ऐसा ही हुआ। सात साल तक नियमित जांच के बाद, 2025 में ताहिरा कश्यप को फिर हुआ कैंसर। वर्ल्ड हेल्थ डे पर उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा, “सात साल बाद मेरे लिए राउंड 2 शुरू हुआ। मैं इसे फिर से जीतूंगी।” यह दिखाता है कि ब्रेस्ट कैंसर दोबारा हो सकता है, खासकर अगर कोशिकाएं पूरी तरह खत्म न हुई हों या दूसरी जगह फैल गई हों। नियमित मैमोग्राम और चेकअप इस खतरे को कम करने में मदद करते हैं, जैसा कि ताहिरा ने भी सलाह दी।


ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण हर किसी के लिए अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ आम संकेत हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए:

ताहिरा ने अपनी कहानी में बताया कि शुरुआती जांच ने उनकी जान बचाई। ब्रेस्ट कैंसर का अटैक अचानक नहीं होता, लेकिन समय पर पता लगने से इलाज आसान हो जाता है।


आयुष्मान खुराना वाइफ कैंसर ट्रीटमेंट

आयुष्मान खुराना वाइफ कैंसर ट्रीटमेंट के दौरान उनके सबसे बड़े सहारा रहे। पहली बार जब ताहिरा को कैंसर हुआ, आयुष्मान ने हर कदम पर उनका साथ दिया। सर्जरी और कीमोथेरेपी के दौरान वह अस्पताल में उनके साथ रहे, और उनकी हिम्मत बढ़ाई। ताहिरा ने बताया कि एक बार जब डॉक्टर ने कहा कि उनका ब्रेस्ट निकालना पड़ेगा, तो वह रो पड़ी थीं, लेकिन आयुष्मान ने उन्हें हंसाकर हौसला दिया। अब दोबारा कैंसर होने पर भी आयुष्मान ने उन्हें “माय हीरो” कहकर सपोर्ट किया। यह जोड़ी एक-दूसरे की ताकत है।


कैंसर ट्रीटमेंट और ताहिरा की हिम्मत

कैंसर ट्रीटमेंट में सर्जरी, कीमोथेरेपी, और रेडिएशन जैसे तरीके शामिल हो सकते हैं। ताहिरा का पहला इलाज मैस्टेक्टॉमी और कीमोथेरेपी से हुआ था। अब दोबारा कैंसर होने पर वह फिर से इलाज के लिए तैयार हैं। उन्होंने लिखा, “जिंदगी ने फिर से नींबू दिए, तो मैंने उसे काला खट्टा बनाकर पी लिया।” यह उनकी सकारात्मक सोच को दिखाता है। ताहिरा कश्यप कैंसर ट्रीटमेंट की इस दूसरी जंग में भी वह लोगों को जागरूक करने का काम कर रही हैं।


ताहिरा का संदेश और प्रेरणा

ताहिरा कश्यप ने ब्रेस्ट कैंसर को सिर्फ एक बीमारी नहीं, बल्कि अपनी ताकत का प्रतीक बनाया। वह कहती हैं कि यह अनुभव उन्हें “खुद की 2.0 वर्जन” बनाता है। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि कैंसर से डरने की बजाय उसका सामना करना चाहिए। नियमित जांच, सही इलाज, और परिवार का साथ इस बीमारी से जीतने की कुंजी है। ताहिरा कश्यप को फिर हुआ कैंसर की खबर भले ही दुखद हो, लेकिन उनकी हिम्मत हर किसी के लिए मिसाल है।


निष्कर्ष

ताहिरा कश्यप की यह यात्रा ब्रेस्ट कैंसर से लड़ने की एक मज़बूत मिसाल है। वह न सिर्फ अपनी जिंदगी को पूरे जोश से जी रही हैं, बल्कि दूसरों को भी प्रेरित कर रही हैं। आयुष्मान खुराना वाइफ कैंसर ट्रीटमेंट और उनकी कहानी हमें बताती है कि प्यार, हिम्मत, और सही समय पर कदम उठाना इस बीमारी से जीतने का रास्ता है। ताहिरा की यह दूसरी जंग भी हमें यकीन दिलाती है कि वह फिर से विजेता बनकर उभरेंगी।

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